Monday, September 27, 2021

सरदार वल्लभभाई पटेल के अनमोल विचार

 

Iron man of India


१. इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है। 

२.  यह हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह यह अनुभव करें कि उसका देश स्वतंत्र है और उसकी स्वतंत्र है और उसकी स्वतंत्रता की रक्षा करना  उसका कर्तव्य है।  हर एक भारतीय को अब यह भूल जाना चाहिए कि वह एक राजपूत है, एक सिख या जाट   है। उसे यह होना चाहिए कि वह एक भारतीय  है। और उसे इस देश में हर अधिकार है पर कुछ जिम्मेदारिया भी है। 

३. मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस   देश में कोई भूखा ना हो, अन्न के लिए आंसू बहाता न हो। 

४.  स्वतंत्र भारत में कोई भी भूख से नहीं मरेगा।  इसके अनाज निर्यात नहीं किए जाएंगे। कपड़ों का आयात नहीं किया जाएगा।  इसके नेता ना विदेशी भाषा का प्रयोग करेंगे ना किसी दूरस्थ स्थान, समुद्र स्तल  से ७००० फुट  ऊपर से शासन करेंगे, इसके सैन्य खर्च भारी  नहीं होंगे। इसकी सेना अपने ही लोगों या किसी और की भूमि को अधीन नहीं करेगी।  इस के सबसे अच्छे वेतन पाने वाले अधिकारी इसके सबसे कम वेतन पाने वाले सेवकों से बहुत ज्यादा नहीं कमाएंगे और यहां न्याय पाना ना खर्चीला होना ना कठिन होगा। 

५. आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आंखों को क्रोध से लाल होने दीजिए, और अन्याय का मजबूत हाथों से सामना  कीजिए। 

६. चचिंल  से कहो कि भारत को बचाने से पहले इंग्लैंड को बचाए। 

७. एकता के बिना जनशक्ति शक्ति नहीं है।  जब तक उसे ठीक तरह से सामंजस्य में ना लाया जाए और एकजुट ना किया जाए, और तब तक आध्यात्मिक  शक्ति बन जाती है। 

८. शक्ति के अभाव में विश्वास किसी काम का नहीं है। विश्वास और शक्ति, दोनों किसी महान काम को करने के लिए अनिवार्य है। 

९. यहां तक कि यदि हम हजारों की दौलत में भी  गवा दें, और हमारा जीवन बलिदान हो जाए, हमें मुस्कुराते रहना चाहिए और ईश्वर एवं सत्य में विश्वास रखकर प्रसन्न रहना चाहिए। 

१०. बेशक कर्म पूजा है किंतु हास्य जीवन है। जो कोई भी अपना जीवन बहुत गंभीरता से लेता है, उसे एक तुच्छ जीवन के लिए तैयार रहना चाहिए। जो कोई भी सुख और दु:ख का समान रूप से स्वागत करता है, वास्तव में वही सबसे अच्छी तरह से जीता है। 

११. अक्सर में ऐसे बच्चे जो मुझे अपना साथ दे सकते हैं, के साथ हंसी-मजाक करता हूं। जब तक एक इंसान अपने अंदर के बच्चे को बचाए रख सकता है, तभी तक जीवन उस अंधकारमयी छाया से दूर रह सकता है जो इंसान के माथे पर चिंता की रेखाएं छोड़ जाती है। 


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                     લાલ બહાદુર શાસ્ત્રી જન્મજયંતી

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